हर आदमी मैं चहात होती हैं
भलें वो ताज महल ना बना सकें
पर दिल मैं तो दो तीन मुमताज़ होती हैं
हर दाग दाग नहीं होता
हर यार वफ़ादार नहीं होता
यह तो दिल के रिश्तो की बात हैं यारो
वरना सात फेरो के बाद भी प्यार नहीं होता
यारो अब तो ऑफीस आने से भी डर लगता हैं
अब तो मुझको दिन मैं भी रब्ब दिखता हैं
आज कल हर कोई लड़ने को आता हैं यहा
ऐसे लड़काओ के साथ रहते रहते
अब तो लड़ने को जी चाहता हैं यहा
भलें वो ताज महल ना बना सकें
पर दिल मैं तो दो तीन मुमताज़ होती हैं
हर दाग दाग नहीं होता
हर यार वफ़ादार नहीं होता
यह तो दिल के रिश्तो की बात हैं यारो
वरना सात फेरो के बाद भी प्यार नहीं होता
यारो अब तो ऑफीस आने से भी डर लगता हैं
अब तो मुझको दिन मैं भी रब्ब दिखता हैं
आज कल हर कोई लड़ने को आता हैं यहा
ऐसे लड़काओ के साथ रहते रहते
अब तो लड़ने को जी चाहता हैं यहा